Skip to main content

एक संत थे वृन्दावन में रहा करते थे श्रीमद्भागवत में बड़ी निष्ठा थी उनकी.

🌼⚜️ राधा नाम की महिमा ⚜️🌼





एक संत थे वृन्दावन में रहा करते थे, श्रीमद्भागवत में बड़ी निष्ठा थी उनकी, 

उनका प्रतिदिन का नियम था कि वे रोज एक अध्याय का पाठ किया करते थे, और राधा रानी जी को अर्पण करते थे , 

ऐसे करते करते उन्हे 55 वर्ष बीत गए, पर उनका एक दिन भी ऐसा नही गया जब राधारानी जी को भागवत का अध्याय न सुनाया हो। 

एक रोज वे जब पाठ करने बैठे तो उन्हें अक्षर दिखायी ही नहीं दे रहे थे और थोड़ी देर बाद तो वे बिलकुल भी नहीं पढ़ सके। 

अब तो वे रोने लगे और कहने लगे - हे प्रभु ! में इतने दिनों से पाठ कर रहा हूँ फिर आपने आज ऐसा क्यों किया अब मै कैसे राधारानी जी को पाठ सुनाऊंगा। 

रोते-रोते उन्हें सारा दिन बीत गया। कुछ खाया पिया भी नहीं क्योकि पाठ करने का नियम था और जब तक नियम पूरा नहीं करते, खाते पीते भी नहीं थे। 

आज नियम नहीं हुआ तो खाया पिया भी नहीं। 

तभी एक छोटा-सा बालक आया और बोला ,
बाबा ! आप क्यों रो रहे हो ? क्या आपकी आँखे नहीं है? इसलिए रो रहे हो ? 

बाबा बोले- नहीं लाला ! आँखों के लिए क्यों रोऊंगा मेरा नियम पूरा नहीं हुआ इसलिए रो रहा हूँ। 

बालक बोला - बाबा ! मै आपकी आँखे ठीक कर सकता हूँ। आप ये पट्टी अपनी आँखों पर बाँध लीजिए। 

बाबा ने सोचा लगता है वृंदावन के किसी वैध का लाला है, कोई इलाज जानता होगा। 

बाबा ने आँखों पर पट्टी बांध ली और सो गए,जब सुबह उठे और पट्टी हटाई तो सब कुछ साफ दिखायी दे रहा था। 

बाबा बड़े प्रसन्न हुए और सोचने लगे देखूं तो उस बालक ने पट्टी में क्या औषधि रखी थी और जैसे ही बाबा ने पट्टी को खोला तो पट्टी में राधा रानी जी का नाम लिखा था। 

इतना देखते ही बाबा फूट फूट कर रोने लगे और कहने लगे - वाह ! किशोरी जी आपके नाम की कैसी अनंत महिमा है..!! 

मुझ पर इतनी कृपा की और श्रीमद्भागवत से इतना प्रेम करती हो की रोज़ मुझ से शलोक सुनने मे राधा रानी जी आपको भी आनंद आता है। 

लाड लडेती राधिके मांगू गोद पसार ... 

दीजीय मोहे चरणरज और वृन्दावन को वास .... 

~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

Comments

Popular posts from this blog

तुम घर क्यों नही जाते हो ? Poetry in hindi

तुम घर क्यों नही जाते हो ✍️ कुछ अपना हो तो सुनाओ। कोई कहानी हो तो लाओ।। क्यों बेकार की रील्स पर मुस्कुराते हो ? एक कमरे में रहते हो  तुम घर क्यों नही जाते हो ?       क्या भरा पूरा परिवार तुम्हें अच्छा नही लगता ? क्या अपनों का प्यार तुम्हें अच्छा नही लगता ? क्यों छोड़कर अपनी गली  एहसासों को आजमाते हो ? एक कमरे में रहते हो  तुम घर क्यों नही जाते हो ? वहां भी सब्जियां ताजी हरी मिलेंगी। मां और दादी के साथ दुपहरी मिलेगी।। क्यों खिड़की से झांक कर भीड़ निहारते हो ? एक कमरे में रहते हो  तुम घर क्यों नही जाते हो ? सुना है शहर में भी उमस बढ़ गई है। गरमी अपने चरम पर चढ़ गई है।। कुछ फुरसत के पल हैं अपने गांव में। आओ बैठो कुछ वक्त आम की छांव में।। क्यों अपनी अभिलाषा दबाते हो? एक कमरे में रहते हो  तुम घर क्यों नही जाते हो ? सुबह के निकले रात को आते हो। जीते हो जीवन या बस समय बिताते हो? मन नही जिसमे तुम्हारा वही बात खुद को समझाते हो। एक कमरे में रहते हो  तुम घर क्यों नही जाते हो  ? 🖕Follow Like comment &  share  D...

एक बाप ने अपनी बेटी की विदाई के समय अपने दामाद से क्या कहा पढ़िये जरा। #बेटीकीविदाई

Girl & Boys Love Story Poetry in hindi

तुमने ब्लॉक किया है मुझको, लेकिन इतना बतला देना, दिल में जो प्रोफाइल फोटो है, उसको कैसे ब्लॉक करोगी! बंद किए सारे दरवाजे लेकिन इतना समझा देना, मन की जो ओपन विंडो है, उसको कैसे लॉक करोगी!! सांसो का कातिल मैं हूं, सारे गम का हासिल मैं हूं, फ्रेंड लिस्ट में लाखों होंगे, ब्लॉक लिस्ट में केवल मैं हूं! सारी चैट डिलीट मार दो, लेकिन इतना बतला देना, ढाई आखर जो बोले थे, उनको कैसे साफ करोगी!! बदल बदल कर स्टेटस को, जब तुम मुझसे लड़ती थी, फिलींग सैड जो लिख देता था, तो तुम भी रो पड़ती थी! लॉगआउट अपने जीवन से, मुझे किया यह पुण्य तुम्हारा, ऑटोग्राफ हृदय के अंदर उसे हटा क्या पाप करोगी!! जब प्रतिउत्तर मिला प्रेम का, मोबाइल को चूम लिया था, आंखों की गहराई नापी थी, सेल्फी को जूम किया था! क्रॉप करी है सारी फोटो, एक प्रश्न मन में है, नफरत की जो पासवर्ड है, उसे क्या तुम प्राप्त करोगी!! अंतर्मन की विचरण सीमा, इंटरनेट से बहुत बड़ी है! वाल फेसबुक की थी पहले, आज हमारे बीच खड़ी है!! Like comment and share & Follow me Dear friends👭👬