Skip to main content

Posts

Showing posts from June, 2022

यीशु मसीह परमेश्वर हैं

हमारे लिए निर्णायक रूप से यह जानना कि ‘क्या परमेश्वर का अस्तित्व है ? और ‘वह किस प्रकार का है’, तब तक असंभव है, जब तक परमेश्वर स्वयं पहल नहीं करता और अपने आप को प्रकट नहीं करता। परमेश्वर के रहस्योद्घाटन का कोई सुराग ढ़ूँढने के लिए हमें इतिहास के पन्नों पर दृष्टि डालनी होगी। इसका एक स्पष्ट चिह्न है। 2000 साल पहले, पैलेस्टाइन के एक अव्यस्त गाँव के अस्तबल में, एक बच्चे का जन्म हुआ। आज पूरा संसार यीशु मसीह के जन्म का उत्सव मना रहा है, और सही कारण से - उनके जीवन ने इतिहास का मार्ग बदल दिया। लोगों ने यीशु को कैसे देखा हमें बताया गया है कि “आम आदमी यीशु की बातों को प्रसन्नतापूर्वक सुनते थे।” और “वह उन्हें यहूदी धर्म नेताओं के समान नहीं, बल्कि एक अधिकारी के समान शिक्षा दे रहा था।”1 मगर, जल्द ही यह स्पष्ट हो गया कि वह अपने बारे में बहुत ही चौकानेवाला और चमत्कारिक बयान दे रहा था। उसने अपने आप को विलक्षण शिक्षक और पैगंबर से ज्यादा महान बताया। उसने साफ शब्दों में कहा कि वह परमेश्वर है। उसने अपनी शिक्षा में अपनी पहचान को मुख्य मुद्दा बनाया। अपने अनुयायीयों से, यीशु ने सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न पूछा, “...

Hindi Poetry (बीत गए जो किस्सा बनकर)

बीत गए जो किस्सा बनकर बीत गए जो किस्सा बनकर उस पलछिन की बात बड़ी है । रीत गए जो परिणामों में उस मेहनत की जात खड़ी है । आने वाला है उजियारा  बोल रहा धुंधला अंधियारा । गीत सुहाने इस जीवन के साँसें गाये पी अंगारा । सपनों के भी आगे जाकर एहसासों की रात चढ़ी है । रीत गए जो परिणामों में उस मेहनत की जात खड़ी है । ऊपर-नीचे बाँयें-दाँयें  इधर-उधर से हिम्मत लेकर । ईमानी चौखट की खातिर जो बन पाया कीमत देकर । बंजर दिल को सींच सींचकर नव अंकुर की आस बढ़ी है । रीत गए जो परिणामों में उस मेहनत की जात खड़ी है । Writing BY :- Er Durga Nand Yadav