कौन थीं, राधा, सीता, और पार्वती जी की माँ पितरों की तीन मानसी कन्याओं की कथा जगदम्बिका माँ #पार्वती, #सीता मैया और #राधारानी जी का आपस में सम्बन्ध है। जी हाँ, शायद आपने भी पितरों की मानसी पुत्रियों के बारे में सुना या पढ़ा होगा। चलिए आज पितृ-पक्ष के समय, आपको श्री #शिवमहापुराण में से एक ऐसी ही कथा के बारे में बताते हैं जो जुड़ी है पितरों की मानसी कन्याओं के साथ। इस कथा में उन्हें मिला शाप ही उनके लिए वरदान बन गया। पूर्वकाल में प्रजापति दक्ष की साठ पुत्रियाँ थी, जिनका विवाह ऋषि कश्यप आदि के साथ किया गया। इनमें से स्वधा नामक पुत्री का #विवाह दक्ष ने पितरों के साथ किया। कुछ समय के बाद पितरों के मन से प्रादुर्भूत तीन कन्याएँ स्वधा को प्राप्त हुईं। बड़ी कन्या का नाम मेना, मझली का नाम धन्या और सबसे छोटी कन्या का नाम कलावती था। ये तीनों कन्याएँ ही बहुत सौभाग्यवती थीं। एक बार की बात है, तीनों #बहनें, श्री विष्णु के दर्शन करने के लिए श्वेतद्वीप गईं। भगवान् विष्णु के दर्शन कर, वे प्रभु की आज्ञा से वहीं रुक गईं। उस समय वहाँ एक बहुत बड़ा समाज एकत्रित हुआ था। उस #समाज में अन्य सभ...