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Showing posts from January, 2024

उम्र और प्रेम

उम्र और प्रेम... बड़ी उम्र की औरतें मोहब्बत इसलिए नहीं करती कि तुम राम बनकर अहिल्या का उद्धार करोगे। बड़ी उम्र की औरतें देखती है एक साया जिसकी छाँव में वो उम्र की थकान उतार सकें, वो ढूँढती हैं एक अल्हड़ दोस्त..जिसके साथ सड़क पर भींग सकें तुम में कुछ ख़ास है या तुम्हारी कमसिनी लालायित नहीं करती उन्हें। वो चाहती हैं एक हमसफ़र ऐसा हो, जिसकी वो दोस्त और प्रेमिका भी बन सकें। कभी गुरूर आ जाए खुद पर तो आईने में देख लेना। परिपक्व खूबसूरती और नादान सुंदरता में कितना फर्क होता है । कभी लगे कि कुछ जीत लिया है तुमने तो झांकना उनके दिल में , खुद की हार पर कितना ख़ुश हो रही हैं। वो बड़ी उम्र की औरतें महज़ एक श्रद्धा की मूरत ढूँढ़ती हैं। जिसके गीत गुनगुनाते उम्र गुज़र जाए। बड़ी उम्र की औरतें जड़ से गहरी होती हैं तुम तोड़ने जाओगे...तो ख़ुद की साँसें गँवा दोगे। बड़ी उम्र की औरतें भावुक प्रेम करती हैं। मगर इसका मतलब ये क़तई नहीं कि वो समझती ही नहीं...वो तुम्हारी नादानियाँ दरकिनार करती हैं। दरअसल इन्हें नहीं जीना अब छलावे की ज़िंदगी। इसलिए अब वो पारदर्शी प्रेम चाहती हैं। इससे पहले कि वक्त उड़ा...